हड़प्पा सभ्यता भारतीय संस्कृति की लम्बी एवं वैविध्यपूर्ण कहानी का प्रारम्भिक बिन्दु है। इस सभ्यता की खोज का श्रेय " रायबहादुर दयाराम साहनी" को जाता है। सर्वप्रथम उन्होंने ही 1921 में इस सभ्यता के "हड़प्पा" नामक पुरास्थल की खोज की।
इसके लगभग एक वर्ष बाद 1922 में राखालदास बनर्जी ने मोहनजोदड़ो नामक पुरास्थल की खोज की। अब तक भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग 1400 हड़प्पा कालीन बस्तियों का पता चल चुका है।
हड़प्पा सभ्यता का नामकरण
●हड़प्पा सभ्यता
इस सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता नाम से इसलिए जाना जाता है। क्योंकि सबसे पहले हड़प्पा स्थल ही खोजा गया।
●सिंधु घाटी सभ्यता
इस सभ्यता के प्रारम्भिक स्थल सिंधु नदी के आस पास अधिक केन्द्रित थे। अतः इसे "सिंधु घाटी सभ्यता" कहा गया।
●सिन्धु सरस्वती सभ्यता
इस सभ्यता का लगभग 80% क्षेत्र सिंधु तथा गंगा के बीच के मैदान में स्थित है, जहाँ कभी सरस्वती नदी बहती थी। इसलिए कुछ विद्वान इसे सिंधु सरस्वती सभ्यता या सरस्वती सभ्यता कहते हैं।
●काँस्य युगीन सभ्यता
सिन्धुवासियों ने पहली बार ताँबे में टिन मिलाकर काँसा किया। अतः इसे काँस्य युगीन सभ्यता भी कहा जाता है।
●नगरीय सभ्यता-- सिन्धु सभ्यता को नगरीय सभ्यता भी कहा जाता है।
हड़प्पा सभ्यता का काल निर्धारण
सिन्धु सभ्यता का काल निर्धारित करना एक कठिन कार्य है। अनेक विद्वानों ने इस सभ्यता के निम्नलिखित कालक्रम सुझाये हैं।
कालक्रम विद्वान
3500-2500 ई. पू. एम. एस. वत्स
3250-2750 ई. पू. जॉन मार्शल
2900-1900 ई. पू. डेल्स
2800-2500 ई. पू. अर्नेस्ट मैके
2500-1500 ई. पू. मार्टीमर व्हीलर
2350-1750 ई. पू. डी. पी. अग्रवाल
रेडियो कार्बन विधि के द्वारा हड़प्पा सभ्यता का सर्वमान्य काल 3500 ईसा पूर्व से 1300 ईसा पूर्व निर्धारित किया गया है। इसे काल को तीन चरणों मे बांटा गया है।
1-पूर्व हड़प्पाई चरण----3500-2600 ई. पू.
2-परिपक्व हड़प्पाई चरण----2600-1900 ई. पू.
3-उत्तर हड़प्पाई चरण---- 1900 से 1300 ई. पू.
हड़प्पा सभ्यता के निर्माता
सिंधु सभ्यता का उद्भव कैसे हुआ तथा इसके निर्माता कौन थे। यह बहुत विवादित प्रश्न है। इस सम्बन्ध में निम्नलिखित विद्वानों ने अपने मत प्रकट किये हैं।
1-डॉ. लक्ष्मण स्वरूप तथा रामचन्द्र आर्यों को सिंधु सभ्यता एवं वैदिक सभ्यता दोनों का निर्माता मानते हैं।
2-मार्शल, गार्डन चाइल्ड, क्रेमर एवं डी. डी. कौशाम्बी सुमेरियन लोगों को सिंधु सभ्यता का निर्माता मानते हैं।
3-राखाल दास बनर्जी द्रविड़ो को इस सभ्यता का निर्माता मानते हैं।
4-ह्वीलर का मानना है कि ऋग्वेद में वर्णित "दस्यु एवं दास" ही सिंधु सभ्यता के निर्माता थे।
5-प्रसिद्ध इतिहासकार अमलानन्द घोष के अनुसार, राजस्थान के बीकानेर में स्थित "सोथी संस्कृति" से ही इस संस्कृति का उदय हुआ है। यही मत विद्वानों द्वारा अधिक मान्य है। क्योंकि सिंधु संस्कृति और सोथी संस्कृति दोनों के मृद्भांडों पर एक ही समान पीपल के पत्तों का चित्रण है। उनके मृद्भांडों पर रस्सी के निशानों में भी समानता है।
हड़प्पा सभ्यता का विस्तार
सिंधु सभ्यता का फैलाव उत्तर में जम्मू के मांडा से लेकर दक्षिण में गोदावरी के तट पर दैमाबाद तक तथा पश्चिम में मकरान समुद्र तट पर स्थित सुतकांगेडोर से लेकर पूर्व में हिण्डन नदी के तट पर स्थित आलमगीरपुर तक है।
यह पूरा क्षेत्र त्रिभुज के आकार का है। इसका क्षेत्रफल लगभग 1299600 वर्ग km है। इस सभ्यता का कुल भौगोलिक क्षेत्र मिस्र की सभ्यता के क्षेत्र से 20 गुना तथा मेसोपोटामिया की सभ्यता के क्षेत्र से 12 गुना बड़ा है।
वर्तमान में तीन देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान तथा भारत में इसका विस्तार मिलता है। अफगानिस्तान के दो महत्वपूर्ण स्थलों "मुण्डीगाक" एवं "शुर्तुगुई" से इस सभ्यता के प्रमाण मिलते हैं।
पाकिस्तान के मुख्यतः तीन क्षेत्रों से इस सभ्यता के प्रमाण मिलते हैं।
1-दक्षिणी बलूचिस्तान
मकरान तट प्रदेश में मिलने वाले अनेक स्थलों में से पुरातात्विक दृष्टि से केवल सुतकांगेडोर (दाश्क नदी के तट पर), सोतकाकोह (शादीकौर नदी के तट पर), बालाकोट (विदार नदी के तट पर) तथा डाबरकोट महत्वपूर्ण हैं।
2-सिन्ध प्रान्त
सिन्ध प्रान्त में मोहनजोदड़ो, चन्हूदड़ो, जुडेरजोदड़ो, कोटिदीजी, आमरी तथा अलीमुराद आदि महत्वपूर्ण स्थल हैं।
3-पंजाब प्रान्त--पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में सबसे महत्वपूर्ण स्थल हड़प्पा है।
भारत में इस सभ्यता की लगभग 925 बस्तियां पायी जाती हैं। जिनका विस्तार निम्नलिखित क्षेत्रों में है।
1-जम्मू
इस क्षेत्र में एक मात्र स्थल का पता लगा है। जो अखनूर के निकट "मांडा" में स्थित है।
2-पंजाब
इस क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्थल हैं- रोपण,कोटलनिहंग खान, संघोल तथा डेरमजरा आदि।
3-हरियाणा
हरियाणा में बनवाली, मिताथल, सिसवल, बखावली, राखीगढ़ी आदि महत्वपूर्ण स्थल हैं।
4-राजस्थान
राजस्थान में सिंधु सभ्यता के लगभग दो दर्जन पुरास्थल स्थित है। इस क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण स्थल कालीबंगा है। राजस्थान में समस्त हड़प्पा सभ्यता के स्थल आधुनिक गंगानगर जिले में आते हैं।
5-पश्चिमी उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हिण्डन नदी के तट पर स्थित आलमगीरपुर तथा सहारनपुर जिले में बड़ागांव एवं हुलास हड़प्पा कालीन प्रमुख स्थल हैं।
6-गुजरात
गुजरात क्षेत्र को दो भागों में बांटा जा सकता है।
a-कच्छ की खाड़ी--कच्छ की खाड़ी में तीन प्रमुख स्थल स्थित हैं। देशलपुर, सुरकोटदा तथा धौलावीरा
b-खम्भात की खाड़ी--इस क्षेत्र के स्थलों में लोथल, रंगपुर, रोजदी, प्रभास, पाठन, भरतराव, नागेश्वर, मेघम तथा शिकारपुर प्रमुख हैं।
7-महाराष्ट्र-- दैमाबाद यहाँ का सबसे प्रसिद्ध स्थल है।
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