भारत पर बाबर के आक्रमण|Babur's attacks of India

बाबर का भारत पर पहला आक्रमण 1519 ई. में यूसुफजाइयों के विरुद्ध था। इस आक्रमण से बाबर ने बागौर तथा भेरा पर अधिकार कर लिया। बागौर पर आक्रमण के समय बाबर ने तोपों और बन्दूकों का प्रयोग किया। यह प्रथम अवसर था जब भारत के किसी युद्ध में तोपों एवं बंदूकों का प्रयोग किया गया।

बाबर का भारत पर पहला आक्रमण

 बागौर के बाद बाबर ने झेलम नदी के तट पर स्थित भेरा पर अधिकार स्थापित किया। बाबर ने इस अभियान में अपने सैनिकों को आदेश दिया था कि वे बागौर तथा भेरा के लोगों, पशुओं एवं कृषि को किसी प्रकार की क्षति न पहुचाएं इसका कारण था बाबर वहां के लोगों की सहानुभूति एवं श्रद्धा प्राप्त कर वहां शासन करना चाहता था। कुछ दिन यहाँ रुकने के बाद बाबर बागौर तथा भेरा की शासन व्यवस्था हिन्दू बेग को सौंप काबुल लौट गया।

 बाबर के वापस लौटते ही भेरा की जनता ने विद्रोह कर हिन्दू बेग को भगा दिया। बाबर का भारत में दूसरा अभियान सितम्बर 1519 ई. पेशावर के विरुद्ध था।

  बाबर ने भारत पर तीसरी बार आक्रमण 1520 ई. में किया। इस आक्रमण में उसने बागौर तथा भेरा को पुनः जीता। इसके बाद उसने स्यालकोट तथा सैय्यदपुर को जीता।

 अपने चौथे अभियान 1524 ई. में बाबर ने दीपालपुर एवं लाहौर पर अधिकार कर लिया।

 बाबर का भारत पर पांचवा और अन्तिम आक्रमण 1525 ई. में दौलत खां और आलम खाँ के विरुद्ध था। वह काबुल से एक विशाल सेना लेकर भारत की ओर प्रस्थान किया। रास्ते उसका ज्येष्ठ पुत्र हुमायूं बदख्शों से अपनी सेना लेकर उससे आ मिला। इसके अतिरिक्त पेशावर, स्यालकोट और लाहौर की सैन्य टुकड़ियां भी उससे जुड़ गयी।

 इस विशाल सेना के साथ बाबर ने दौलत खां तथा आलम खां को परास्त कर पूरे पंजाब पर अधिकार कर लिया। अब बाबर ने दिल्ली की ओर प्रस्थान किया। 12 अप्रैल 1526 ई. में वह पानीपत पहुँचा। जहाँ 21 अप्रैल 1526 ई. बाबर तथा इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत का प्रथम युद्ध हुआ। जिसमें इब्राहिम लोदी पराजित हुआ।

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