भारत की सबसे अधिक उपजाऊ मिट्टी जलोढ़ मृदा है। यह मिट्टी भारत के लगभग 40% भाग पर पायी जाती है। यह मृदा पंजाब से असम तक के विशाल मैदानी भागों, नर्वदा, ताप्ती, महानदी, गोदावरी, कृष्णा एवं कावेरी आदि नदियों की घाटियों तथा केरल के तटवर्ती भागों में लगभग 15 लाख वर्ग किमी. क्षेत्र पर विस्तृत है।
जलोढ़ मिट्टी का निर्माण हिमालय से निकलने वाली नदियों एवं प्रायद्वीपीय भारत से निकलने वाली नदियों द्वारा लाये गये मलवे के निक्षेपण से हुआ है। इसमें रेत, गाद, मृत्तिका के कण भिन्न भिन्न अनुपात में होते हैं।
जलोढ़ मृदा में किन तत्वों की अधिकता होती है?
जलोढ़ मिट्टी का रंग हल्के धूसर से भस्मी धूसर के बीच होता है। इसमें पोटाश, फॉस्फोरिक एसिड, चुना तथा जैव पदार्थों की अधिकता पायी जाती है। किन्तु नाइट्रोजन व ह्यूमस कमी होती हैं। फलीदार फसलों की खेती से इसमें तेजी से नाइट्रोजन का स्थिरीकरण होता है।
ये मिट्टियाँ सिंचाई हेतु सर्वाधिक उपयुक्त होती हैं। इनकी जल धारण क्षमता सबसे कम होती है क्योंकि इसमें बड़े आकार के रवे की मात्रा अधिक होती है।
इसे भी पढ़े-- मृदा अपरदन के प्रभाव
सामन्यतः दोमट मिट्टी में 40% बालू के कण, 40% मृत्तिका के कण एवं 20% गाद के कण पाये जाते हैं।
जलोढ़ मिट्टियाँ धान, गेहूँ, गन्ना, जूट, कपास, मक्का, तिलहन, दलहन, फल एवं शाक-सब्जियों के लिए उपयुक्त होती हैं।
नवीन जलोढ़ मृदा
इसे खादर कहा जाता है। इन मिट्टियों का विस्तार नदी के बाढ़ के मैदानी क्षेत्र में पाया जाता है जहाँ प्रतिवर्ष बाढ़ के दौरान मिट्टी की नवीन परत का जमाव होता रहता है। इस मिट्टी की जल धारण क्षमता बांगर से अधिक होती है। यह मिट्टी सदैव उर्वर बनी रहती है।
प्राचीन जलोढ़ मृदा
इसे बांगर कहा जाता है। इन मिट्टियों का विस्तार बाढ़ की पहुँच से दूर कुछ ऊंचाई पर होता है। इसमें चुनेदार कंकड़ के पिंड अधिक मात्रा में पाये जाते हैं।बांगर मिट्टियों पर लवणीय और क्षारीय रेह का जमाव मिलता है। यह मिट्टी खादर की अपेक्षा कम उर्वर होती है। अतः इसमें नियमित रूप उर्वरकों की आवश्यकता होती है।
अन्य पोस्ट-- कपास के लिए सर्वाधिक उपयुक्त मिट्टी
Q-भारत में सबसे बड़ा मिट्टी का वर्ग कौन-सा है?
@-कछारी मिट्टी (जलोढ़ मृदा) भारत सर्वाधिक क्षेत्र में पायी जाती है। यह मिट्टी देश के लगभग 40% भाग पर विस्तृत है।
Q-मैदानी भागों में पायी जाने वाली पुरानी जलोढ़ मृदा को क्या कहा जाता है?
@-गंगा के मैदान की पुरानी कछारी मिट्टी को बांगर कहा जाता है।
$$###अगर आपको ये पोस्ट पसन्द आयी हो तो ""share and comment"" जरूर कीजिए।###$$