जीवाणु सरलतम संरचना वाले जीव हैं। इनकी अनेक जातियां जीवधारियों में रोग उत्पत्ति का कारक होती हैं। पौधों के अलावा जीवाणु मानव व पशुओं में भी अनेक रोग उत्पन्न करते हैं।
जीवाणु सबसे सरल, एक कोशिकीय आद्य जीव हैं, जो सभी स्थानों जैसे-जल, स्थल, वायु, जीवित व मृत जन्तुओं एवं पौधों पर वास करते हैं।
जीवाणु मृदा में सर्वाधिक संख्या में पाए जाते हैं तथा आसुत जल में इनका अभाव होता है। एण्टॉनी वॉन ल्यूवेनहॉक को जीवाणु विज्ञान का जनक माना जाता है।
मनुष्यों में जीवाणुजनित रोग
रोग जीवाणु
●तपेदिक माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस
●कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री
●हैजा विब्रियो कोलेरी
●टिटनेस क्लॉस्ट्रीडियम टिटेनी
●काली खांसी बोर्डेटेला परट्यूसिस
●गोनोरिया निशेरिया गोनोरही
●अतिसार बैसिलस कोलाई
●मेनिनजाइटिस निशेरिया मेनिनजाइटिएडिस
●सिफलिस ट्रिपोनिमा पैलिडम
●टायफॉयड सालमोनेला टाइफी
●प्लेग पाश्चुरिला पेस्टीस
●ज्वरान्त्रशोथ एश्चिरिचिया कोलाई
●डिफ्थीरिया कॉर्निबैक्टीरियम डिफ्थीरी
●न्यूमोनिया स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनी
पादपों में जीवाणुजनित रोग
●आलू की गलन स्यूडोमोनास सोलेनेसिएरम
(पोटैटो विल्ट)
●बीन ब्लाइट जैन्थोमोनास फेसियोली इण्डिकस
(सेम की अंगमारी)
●धान की अंगमारी जैन्थोंमोनास ओराइजी
(ब्लाइट ऑफ पैडी)
●सेब की अंगमारी इर्वीनिया इमाइलोवोरा
(फायर ब्लाइट ऑफ ऐप्पल)
●गन्ने में लाल धारी स्यूडोमोनास रुब्रीलिनीयन्स
(रेड स्ट्रिप ऑफ सुगरकेन)
●मिर्च की पर्ण चित्ती जैन्थोंमोनास वेसिकाटोरिया
(लीफ स्पॉट ऑफ चिली)
●नींबू का कैंकर जैन्थोंमोनास सिट्री
(Citrus canker)
●कपास की कोणीय पर्ण चित्ती जैन्थोंमोनास माल्वेसिएरम
01- निम्न में कौन सा रोग जीवाणु जनित है?
A-पीलिया
B-इन्फ्लूएंजा
C-गलसुआ
D-आंत्र ज्वर
आंत्र ज्वर सलमोनेला टाइफी नामक जीवाणु से जनित रोग है। जबकि गलसुआ या कण्ठमाला रोग, पीलिया और इन्फ्लूएंजा विषाणु जनित रोग हैं। गलसुआ रोग में पैरोटिड ग्रंथि कष्टदायक रूप से बड़ी हो जाती है।
02- कुष्ठ रोग उत्पन्न किया जाता है--
A-जीवाणु द्वारा
B-विषाणु द्वारा
C-कवक द्वारा
D-प्रोटोज़ोआ द्वारा
कुष्ठ रोग एक संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम लेप्री तथा माइकोबैक्टीरियम लेप्रोमटासिस नामक जीवाणुओं द्वारा उत्पन्न किया जाता है।
03- बी. सी.जी. का टीका किस रोग से बचाव हेतु लगाया जाता है?
A-निमोनिया
B-काली खांसी
C-टिटनेस
D-यक्ष्मा (T. B.)
बी.सी.जी. (बैसिलस काल्मेट ग्यूरीन) का टीका तपेदिक या यक्ष्मा के बचाव के लिए शिशु के जन्म तुरन्त बाद लगाया जाता है। यदि यह टीका जन्म के तुरन्त बाद न लगाया गया हो तो जन्म के 12 माह के भीतर भी लगाया जा सकता है।
04- किस रोग का कारक जल प्रदूषण नहीं है?
A-टायफॉयड
B-हेपेटाइटिस-बी
C-पीलिया
D-हैजा
हेपेटाइटिस-बी रोग के विषाणु का संचरण संक्रमण रक्त या लैंगिक सम्पर्क से होता है। हेपेटाइटिस-बी दूषित जल से नहीं फैलता।
05- टायफॉयड तथा कॉलरा विशिष्ट उदाहरण हैं--
A-संक्रामक रोगों के
B-वायु-जन्य रोगों के
C-जल-जन्य रोगों के
D-इनमें कोई नहीं
टायफॉयड तथा कॉलरा जल-जन्य रोगों के उदाहरण हैं। टायफॉयड रोग का कारक सालमोनेला टाइफी जीवाणु तथा कॉलरा का कारक विब्रियो कॉलेरी नामक जीवाणु होता है। पीने के जल के उचित उपचार द्वारा इन्हें फैलने से रोका जा सकता है।
06- निम्नलिखित कथनों में कौन-से कथन सही हैं?
1-मानव शरीर में फीमर सबसे लम्बी अस्थि है।
2-हैजा रोग जीवाणु द्वारा होता है।
3-एथलीट फुट रोग विषाणु द्वारा होता है।
कूट
A-1, 2 और 3
B-1 और 3
C-1 और 2√√
D-2 और 3
मानव शरीर में फीमर सबसे लम्बी अस्थि होती है। हैजा रोग वी. कॉलेरी नामक जीवाणु के द्वारा होता है। एथलीट फुट रोग एपिडर्मोफाइटॉन फ्लोक्कोसम नामक कवक द्वारा होता है। यह एक संक्रामक रोग है।
07- भोजन विषाक्तता निम्न में से किस जीवाणु के कारण होती है?
A-ई. कोलाई
B-सैलमोनेला बैसिलाई
C-स्यूडोमोनास
D-कैन्डिडा
सैलमोनेला बैसिलाई नामक जीवाणु के कारण भोजन विषाक्तता होती है। यह जीवाणु ग्राम निगेटिव, नॉन स्पोर फॉर्मिंग तथा रॉड के आकार का होता है। जिसके चारों ओर कशाभिका पायी जाती हैं।
08- बाटुलिज्म (भोजन का विषाक्त होना) किस जीवाणु के संदूषण से उत्पन्न होता है?
A-एजोटोबैक्टर
B-लैक्टोबेसिलस
C-क्लोस्ट्रीडियम
D-राइजोबियम
बाटुलिज्म रोग क्लोस्ट्रीडियम बाटुलिनम नामक ग्राम-पॉजिटिव जीवाणु के द्वारा उत्पन्न विष के कारण होता है। भोजन विषाक्तता सैल्मोनेला बैसिलाई के कारण भी होती है। यह ग्राम-निगेटिव जीवाणु है।
09- डी. पी. टी. का टीका निम्न में से किन रोगों से सुरक्षा के लिए दिया जाता है?
A-टिटेनस, पोलियो, प्लेग
B-टी. बी., पोलियो, डिफ्थीरिया
C-डिफ्थीरिया, कुकर खांसी, टिटेनस
D-डिफ्थीरिया, पोलियो, कुष्ठ रोग
डिफ्थीरिया, कुकर खांसी (काली खांसी), टिटेनस (धनुषटंकार) से बचाव के लिए नवजात शिशु को डी. पी. टी. वैक्सीन लगाया जाता है। उपर्युक्त तीनों रोग बैक्टीरिया-जन्य हैं। डिफ्थीरिया रोग कोरिनी बैक्टीरियम डिप्थीरी के कारण, कुकर खांसी हीमोफिलस परट्यूसिस अथवा बोर्डेटेला परट्यूसिस के कारण, टिटेनस क्लोस्ट्रीडियम टिटेनी के कारण उत्पन्न होता है। डी. पी. टी. के टीके को ट्रिपल एन्टीजन वैक्सीन भी कहते हैं।
10- डी. पी. टी. का टीका निम्नलिखित बीमारियों में से किसके काम नहीं आता है?
A-डिफ्थीरिया
B-पोलियो√√
C-हुपिंग कफ (काली खांसी)
D-टिटेनस
11- दिये गये विकल्पों में से किसके द्वारा होने वाली बीमारियों में सल्फा दवाइयां कारगर हैं?
A-जीवाणुओं के
B-कीटों के
C-विटामिन की कमी से
D-ग्रंथि की खराबी से
जीवाणुओं द्वारा होने वाली बीमारियों के लिए सल्फा दवाइयों का प्रयोग किया जाता है। यह संश्लिष्ट दवाओं का एक समूह है जिसके अंतर्गत सल्फोनामाइड, सल्फामेराजॉइन, सल्फाडायजीन इत्यादि हैं। प्रथम सल्फाड्रग्स प्रॉन्टोसिल की खोज 1932 में की गयी थी।
12- निम्नलिखित में कौन-सा रोग जीवाणु द्वारा उत्पन्न होता है।
A-तपेदिक
B-इन्फ्लूएंजा
C-पोलियो
D-मलेरिया
तपेदिक या यक्ष्मा या क्षय रोग एक संक्रामक बीमारी है, जिसका कारक माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु है। इस रोग में मनुष्य का फेफड़ा प्रभावित होता है। इसमें ज्वर, लगातार खांसी, खून के साथ बलगम आना, सांस फूलना इत्यादि लक्षण प्रदर्शित होते हैं।
13- निम्नलिखित में कौन सुमेलित नहीं है?
A-स्वप्रतिरक्षित रोग -- संधिवात संधिशोथ
B-आनुवंशिक रोग -- क्षयरोग√√
C-पामा रोग -- चिंचडी
D-मानसिक रोग -- मनोविदलता
14- क्षय रोग के परीक्षण हेतु विशिष्ट परीक्षण है--
A-रॉबर्ट परीक्षण
B-विडाल परीक्षण
C-कान् परीक्षण
D-मैंटॉक्स परीक्षण
तपेदिक रोग की जांच के लिए मैंटॉक्स ट्यूबर क्यूलिन त्वचा परीक्षण किया जाता है। इस परीक्षण में हाथ के निचले हिस्से की त्वचा में ट्यूबर क्यूलिन नामक तरल की अल्प मात्रा इंजेक्ट की जाती है। इंजेक्शन लगाने के 48 से 72 घंटे के बाद हाथ पर इसके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है।
15- टिटेनस को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है?
A-गैंग्रीन
B-शिंगल्स
C-लॉक-जा
D-काली खांसी
टिटेनस या धनुषटंकार वह रोग है, जिसमें रोगी का शरीर धनुष की तरह टेढ़ा होकर अकड़ जाता है। यह घातक संक्रामक रोग है जो क्लोस्ट्रीडियम टिटेनी नामक जीवाणु के कारण होता है। यह रोग लॉक-जा (Lock-Jaw) नाम से भी जाना जाता है।
16- निम्न रोगों में से कौन संक्रमित मच्छर के काटने से नहीं होता है?
A-प्लेग
B-पीत ज्वर
C-मलेरिया
D-डेंगू
प्लेग एक संक्रामक या संसर्ग रोग है जो एक विशिष्ट जीवाणु पेस्टयूरेला पेस्टिस द्वारा होता है। यह रोग सर्वप्रथम चूहे को होता है। चूहे के शरीर पर पिस्सू रहते हैं, जो इसका संक्रमित रक्त चूषते हैं जिससे रोग के जीवाणु पिस्सुओं में पहुँच जाते हैं।
17- निम्नांकित जोड़ों में किसका सही सुमेलन है?
A-निमोनिया -- फेफड़े
B-मोतियाबिंद -- थायरॉयड
C-पीलिया -- आंख
D-मधुमेह -- यकृत
निमोनिया फेफड़े से सम्बन्धित रोग है, जो स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनी नामक जीवाणु द्वारा होता है। इसमें रोगी को ठण्ड लगकर बुखार आता है। अतः विकल्प A सही सुमेलित है। मोतियाबिंद आंख से, पीलिया यकृत से सम्बन्धित रोग हैं। मधुमेह रोग इंसुलिन नामक हॉर्मोन की कमी से होता है। इंसुलिन का स्राव अग्नाशय की लैंगरहैन्स की द्वीपिकाओं की बीटा-कोशिकाओं से होता है।
18- लिस्ट-I को लिस्ट-II से सुमेलित कीजिए--
लिस्ट-I लिस्ट-II
a-वायु 1-टिटेनस
b-पानी 2-टी. बी.
c-संपर्क 3-कॉलरा
d-घाव 4-सिफलिस
कूट
a b c d
A- 1 2 3 4
B- 2 3 4 1√√
C- 3 4 1 2
D- 4 1 2 3
19- स्तम्भ-1 को स्तम्भ-2 से सही सुमेलित कूट पहचानिए--
स्तम्भ-1 स्तम्भ-2
a-प्लेग 1-आंतों को प्रभावित करता है।
b-फाइलेरिया 2-पिस्सुओं के काटने से फैलता है।
c-बेरी-बेरी 3-मच्छरों से होता है।
d-टायफॉयड 4-विटामिन बी की कमी से होता है।
कूट
a b c d
A- 2 1 3 4
B- 3 4 1 2
C- 4 1 2 3
D- 2 3 4 1√√
20- निम्न में ब्रॉड स्पेक्ट्रम औषधि है--
A-क्लोरेम्फेनीकॉल
B-पेरासिटामोल
C-जाइलोकेन
D-क्लरोक्रिन
ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक ऐसी औषधियों का समूह है, जो जीवाणु जनित विभिन्न प्रकार के रोगों के प्रति प्रभावी होती हैं। ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक ग्राम-पॉजिटिव और ग्राम-निगेटिव दोनों प्रकार के जीवाणुओं के विरुद्ध प्रभावी होती हैं। क्लोरेम्फेनीकॉल एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक है। इसे क्लोरोनाइट्रोमाइसिन नाम से भी जाना जाता है।
21- निम्नलिखित में से कौन प्रतिजैविक औषधि है?
A-क्वीनीन
B-सल्फागुआनिडीन
C-क्लोरेम्फेनीकॉल
D-एस्प्रिन
Ans- B तथा C, क्लोरेम्फेनीकॉल एक प्रतिजैविक औषधि है जिसका उपयोग बैक्टीरियल इंफेक्शन के उपचार में किया जाता है। सल्फागुआनिडीन एक प्रकार का सल्फोनामाइड प्रतिजैविक है जो जीवाणुरोधी एजेंट के रूप में कार्य करता है।
22- दंतक्षय मुख के भीतर उपस्थित जीवाणु तथा निम्न में किसके मध्य अन्तर्व्यहार से होता है?
A-प्रोटीन के खाद्य कणों के मध्य
B-कार्बोहाइड्रेट के खाद्य कणों के मध्य
C-वसा के खाद्य कणों के मध्य
D-सलाद के खाद्य कणों के मध्य
दंतक्षय का मुख्य कारण जीवाणु तथा कार्बोहाइड्रेट के खाद्य कण जो दांतों के बीच फसे रहते हैं, के मध्य अन्तर्व्यहार होता है।
23- किस जीव के संक्रमण के कारण दंतक्षय होता है?
A-वायरस के
B-जीवाणु के
C-कवक के
D-नील-हरित शैवाल के
दंतक्षय को दंत अस्थि क्षरण भी कहा जाता है, इसमें जीवाण्विक अभिक्रियाएं दांत की सख्त संरचना को क्षतिग्रस्त कर देती हैं। जिससे दांतों में छिद्र हो जाते हैं। दंतक्षय के लिए उत्तरदायी जीवाणु स्ट्रेप्टोकोकस म्युटोन्स और लैक्टोबैसिलस है।
24- वह प्लाज्मिड, जो एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोध उत्पन्न करता है, कहलाता है--
A-एफ-फैक्टर (F-factor)
B-कल-फैक्टर (Col-factor)
C-टीआई-प्लाज्मिड (Ti-plasmid)
D-आर-फैक्टर (R-factor)
प्लाज्मिड जीवाणु कोशिका में पाये जाने वाले बाह्म गुणसूत्रीय, वृत्ताकार डीएनए अणु होते हैं। ये कई प्रकार के होते हैं--
●एफ-फैक्टर -- जनन प्लाज्मिड
●टीआई-प्लाज्मिड -- ट्यूबर प्रेरित करने वाले प्लाज्मिड
●Col-फैक्टर -- विष उत्पन्न करने वाले प्लाज्मिड
●आर-फैक्टर -- एंटीबायोटिक औषधियों से प्रतिरोधकता प्रदान करने वाले प्लाज्मिड
25- Ti-प्लाज्मिड निम्न में किसमे पाया जाता है--
A-रोडोबैक्टर स्फीरॉइड
B-एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफैसिएन्स
C-ई. कोलाई
D-इनमें कोई नहीं
Ti-प्लाज्मिड एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफैसिएन्स में पाया जाता है। इसका उपयोग जीन इंजीनियरिंग में वाहक (vector) के रूप में किया जाता है। इस प्लाज्मिड में प्राकृतिक रूप से दूसरे पौधे की कोशिका में प्रवेश करने व उसके जीनोम से जुड़कर द्विगुणन करने की क्षमता होती है। अतः इस जीवाणु को प्राकृतिक जीन इंजीनियर भी कहते हैं।
26- प्लाज्मिड्स होते हैं--
A-नए प्रकार के सूक्ष्म जीव
B-जीवाणुओं में गुणसूत्रों के अतिरिक्त पाया जाने वाला आनुवंशिक पदार्थ
C-बैक्टीरिया का आनुवंशिक पदार्थ
D-विषाणु का एक प्रकार
प्लाज्मिड, प्रोकैरियोटिक जीवों जैसे- जीवाणुओं केन्द्रकीय डीएनए के अतिरिक्त पाया जाने वाला आनुवंशिक पदार्थ है।
27-दूध को दही में परिवर्तित करने के लिए कौन सा जीवाणु उत्तरदायी है?
A-एसीटोबैक्टर एसीटी
B-स्ट्रेप्टोकोकस लैक्टिस
C-बैसिलस मैगाथीरियम
D-जैन्थोंमोनास सिट्री
दूध से दही उत्पन्न करने वाले जीवाणु स्ट्रेप्टोकोकस लैक्टिस तथा लैक्टोबैसिलस श्रेणी के होते हैं। ये जीवाणु दूध में उपस्थित शर्करा को लैक्टिक अम्ल में बदल देते हैं। जिससे दूध से दही प्राप्त होता है।
28- एंटीबायोटिक शब्द किस वैज्ञानिक ने दिया था?
A-फ्लेमिंग
B-वाक्समेन
C-फंक
D-जेनर
एंटीबायोटिक शब्द वाक्समेन ने दिया था। इन्होंने स्ट्रेप्टोमाइसिन नामक एंटीबायोटिक दवा का निर्माण किया था। पहली एंटीबायोटिक दवा पेनिसिलीन का निर्माण फ्लेमिंग ने किया था।
29- नाइट्रोजन स्थिरीकरण में मुख्य भूमिका निभाने वाला जीवाणु निम्न में कौन है?
A-राइजोबियम
B-लैक्टोबैसिलस
C-स्यूडोमोनास
D-इनमें कोई नहीं
राइजोबियम जीवाणु लेग्यूमिनेसी कुल के पौधों की जड़ों में सहजीवी रूप में वास करता है। वहाँ पर यह नाइट्रोजन स्थिरीकरण की क्रिया में भाग लेता है। यह जीवाणु स्वतंत्र रूप से मृदा में भी वास करता है किन्तु इस अवस्था में यह नाइट्रोजन स्थिरीकरण में नहीं करता है।
30- सिट्रस कैंकर रोग किस जीवाणु द्वारा उत्पन्न होता है--
A-स्यूडोमोनास
B-जैन्थोंमोनास
C-बैसिलस
D-राइजोबियम
सिट्रस कैंकर रोग जैन्थोंमोनास सिट्राइ नामक रोग जनक बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न होता है। यह ग्राम निगेटिव वायवीय जीवाणु है।
31- PCR (Poly-merase chain reaction) में प्रयुक्त होने वाला डीएनए पॉलीमेरेज, किस जीव से प्राप्त किया जाता है?
A-ई. कोलाई
B-एग्रोबैक्टीरियम
C-रोडोबैक्टर
D-थर्मस एक्वेटिकस
थर्मस एक्वेटिकस एक जीवाणु है जो गर्म गंधक युक्त झरनों में पाया जाता है। इसमें उपस्थित डीएनए पॉलीमेरेज एंजाइम जिसे टैक पॉलीमेरेज भी कहते हैं। अति उच्च तापमान (80℃) पर भी कार्य करता है। इसका उपयोग PCR में किया जाता है।
32- जीवाणु के प्रभाव से होता है--
A-भोजन की विषाक्तता
B-मनुष्यों में रोग
C-पौधों में रोग
D-उपर्युक्त सभी
जीवाणुओं द्वारा भोजन विषाक्तता, मनुष्यों में रोग तथा पौधों में रोग होता है। विषाक्त भोजन से बाटुलिनम नामक रोग होता है जिसका कारक क्लास्ट्रिडियम बाटुलिनम नामक जीवाणु होता है।
33- निम्नलिखित में से किसमें विशिष्ट आकृति नहीं होती है--
A-सायनोबैक्टीरिया
B-माइकोप्लाज्मा
C-जीवाणु
D-बैक्टीरियोफेज
माइकोप्लाज्मा बिना किसी विशिष्ट आकृति का होता है। ये बहुरूपी जीव है जो गोलाभ, तंतुल, ताराकार अथवा अनियमित पिंड के रूप में मिलते हैं। इनका रूप प्रायः संवर्धन माध्यम की प्रकृति पर निर्भर करता है।
34- जीवाणु उपयोगी होते हैं--
A-प्रतिजैविक बनाने में
B-सीरम एवं वैक्सीन बनाने में
C-दही बनाने में
D-उपर्युक्त सभी में√√
35- जीवाणु होते हैं--
A-एक कोशिकीय जीव
B-द्विकोशिकीय जीव
C-बहुकोशिकीय जीव
D-उपर्युक्त सभी
जीवाणु एक कोशिकीय जीव हैं। इनकी खोज हॉलैंड के वैज्ञानिक एंटोनी वॉन ल्यूवेनहॉक ने की थी।
36- मांस की विषाक्तता किस जीवाणु द्वारा उत्पन्न होती है?
A-क्लास्ट्रिडियम बाटुलिनम
B-साल्मोनेला टाइफोसा
C-क्लास्ट्रिडियम टिटैनी
D-साल्मोनेला टाइफीम्यूरियम√√
37- प्रोपीओनी बैक्टीरियम से प्राप्त होता है--
A-विटामिन बी12
B-लैक्टिस अम्ल
C-सिट्रिक अम्ल
D-विटामिन बी6
विटामिन बी12 का व्यापारिक स्तर पर उत्पादन प्रोपीओनी बैक्टीरियम द्वारा किया जाता है। विटामिन बी12 स्यूडोमोनास बैक्टीरिया द्वारा भी उत्पन्न होता है।
38- जीवाणुओं में श्वसन क्रिया कहाँ पर होती है?
A-एपिसोम पर
B-माइक्रोसोम पर
C-मीसोसोम पर
D-राइबोसोम पर
जीवाणुओं में श्वसन क्रिया मीसोसोम पर होती है क्योंकि मीसोसोम में श्वसन से सम्बन्धित एंजाइम पाये जाते हैं। मीसोसोम प्लाज्मा मेम्ब्रेन के फैलाव से बनता है।
39- धान के खेत में नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करने वाला सायनोबैक्टीरिया है--
A-सिलिन्ड्रोस्पर्मम
B-आलोसाइरा
C-आसीलेटोरिया
D-नॉस्टाक
आलोसाइरा धान के खेतों का सबसे सामान्य तथा सक्रिय नाइट्रोजन स्थिरीकारक सायनोबैक्टीरिया है। सिलिन्ड्रोस्पर्मम गन्ने तथा मक्के के खेतों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है। नॉस्टाक एंथोसिरास की जड़ों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है।
40- क्राउन गाल रोग का कारक है--
A-माइकोबैक्टीरियम
B-एग्रोबैक्टीरियम
C-अरवीनिया
D-इनमें कोई नहीं
पौधों में क्राउन गाल नामक रोग एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफैसिएन्स जीवाणुओं के द्वारा उत्पन्न होता है।
41- कोढ़ रोग का कारक कौन सा जीवाणु है?
A-लेप्टोस्पाइरा इसीटेरोहैरहैगी
B-ट्रेपोनेमा पैलीडम
C-क्लॉस्ट्रिडियम लैप्रे
D-माइकोबैक्टीरियम लैप्रे√√
42- पी. पी. एल. ओ. क्या है?
A-यूकैरियोटिक कोशिका
B-प्रोकैरियोटिक कोशिका
C-नाड़ी कोशिका
D-पादप कोशिका
पी. पी. एल. ओ. (माइकोप्लाज्मा) एक प्रोकैरियोटिक जीव है। जिसे बैक्टीरिया के समकक्ष माना जाता है। यह सबसे छोटी कोशिका होती है। इसमें कोशिका भित्ति नहीं होती है।
43- माइकोप्लाज्मा किस जगत से सम्बन्धित है?
A-मोनेरा
B-प्रोटिस्टा
C-कवक
D-प्लांटी
माइकोप्लाज्मा मोनेरा जगत से सम्बन्धित है। ये एक कोशिकीय अचल प्रोकैरियोट हैं, ये प्रायः गोलाभ या अंडाकार समूह बनाते हैं। ये परजीवी अथवा मृतोपजीवी होते हैं।
44- निम्नलिखित में से कौन-सा सहजीवी जीवाणु है?
A-नाइट्रोबैक्टर
B-नाइट्रोसोमोनास
C-राइजोबियम
D-क्लोस्ट्रीडियम
दिये गये विकल्पों में केवल राइजोबियम ही सहजीवी जीवाणु है। यह सहजीवी अवस्था में ही केवल नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करता है। अन्य सभी स्वतंत्रजीवी जीवाणु है।
45- सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण से सम्बन्धित नॉड जीन पाये जाते हैं--
A-राइजोबियम
B-लेग्यूमिनस पौधों में
C-एडमसिया में
D-A तथा B दोनों में
नॉड जीन नाइट्रोजन स्थिरीकारक सहजीवी जीवाणुओं जैसे-राइजोबियम तथा लेग्यूमिनस पौधों में पाया जाता है जो इनमें नोड्यूल्स निर्माण को प्रेरित करता है। राइजोबियम एक ऐसा जीवाणु है जोकि लेग्यूमिनस पौधों की जड़ों में सहजीवी रूप में वास करता है तथा नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करता है। जीवाणुओं में नॉड जीन के अतिरिक्त निफ जीन भी नाइट्रोजन स्थिरीकरण से सम्बन्धित होते हैं।
46-निम्न में से किस कोशिका में केन्द्रक झिल्ली एवं माइटोकॉन्ड्रिया का अभाव होता है?
A-जीवाणु कोशिका में
B-प्रोटोजोअन कोशिका में
C-स्पंज कोशिका में
D-शुक्राणु कोशिका में
जीवाणु में प्रोकैरियोटिक कोशिका पायी जाती है। जिसमें केन्द्रक झिल्ली, माइटोकॉन्ड्रिया तथा एंडोप्लाज्मिक जालिका का अभाव होता है।
47- नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करने में सक्षम स्वजीवी जीवाणु है--
A-राइजोबियम
B-एजोटोबैक्टर
C-क्लोस्ट्रीडियम
D-B तथा C दोनों
एजोटोबैक्टर तथा क्लोस्ट्रीडियम दोनों स्वजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकारक जीवाणु हैं। एजोटोबैक्टर वायवीय स्वजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकारक तथा क्लोस्ट्रीडियम अवायवीय स्वजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकारक बैक्टीरिया है। जबकि राइजोबियम सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकारक है।
48- निम्नलिखित बैक्टीरिया में कौन विनाइट्रीकरण से सम्बन्धित है?
A-स्यूडोमोनास
B-एजोटोबैक्टर
C-रोडोस्पाइरिलम
D-राइजोबियम
स्यूडोमोनास विनाइट्रिकारक तथा थायोबैसिलस विनाइट्रीकारक सभी प्रकार की बद्ध नाइट्रोजन को गैसीय अवस्था में मुक्त करने की क्षमता रखते हैं।
49- स्ट्रेप्टोमाइसीन एंटीबायोटिक किससे प्राप्त किया जाता है?
A-स्ट्रेप्टोमाइसीज वेनेजुएली से
B-स्ट्रेप्टोमाइसीज ग्रिसियस से
C-स्ट्रेप्टोमाइसीज स्कोलियस से
D-स्ट्रेप्टोमाइसीज फ्रैडी से
स्ट्रेप्टोमाइसीन एंटीबायोटिक की खोज वाक्समैन ने 1944 में की थी। जिसे उन्होंने स्ट्रेप्टोमाइसीज ग्रिसियस नामक बैक्टीरिया से प्राप्त किया था।
50- स्ट्रेप्टोमाइसीज रेमोसस नामक बैक्टीरिया से कौन सा एंटीबायोटिक मिलता है?
A-क्लोरोमाइसिटिन
B-टैरामाइसिन
C-इरिथ्रोमाइसिन
D-औरियोमाइसिन
स्ट्रेप्टोमाइसीज रेमोसस से टैरामाइसिन एंटीबायोटिक प्राप्त होती है। जबकि स्ट्रेप्टोमाइसीज वेनेजुएली से क्लोरोमाइसिटिन तथा स्ट्रेप्टोमाइसीज औरियोफैसिएन्स से औरियोमाइसिन नामक एंटीबायोटिक प्राप्त होती है।
51- सायनोबैक्टीरिया हैं--
A-विषाणु जो नील-हरित शैवालों को संक्रमित करते हैं।
B-सायनोफायसी वर्ग के सदस्य जो जीवाणुओं को संक्रमित करते हैं।
C-स्वपोषी प्रोकैरियोट जिनमें विशिष्ट नील-हरित रंजक पाये जाते हैं।√√
D-बैक्टीरिया जो सायनोफाइसियन शैवालों को संक्रमित करते हैं।
सायनोबैक्टीरिया एक प्रकार के प्रकाश-संश्लेषी स्वपोषी जीव हैं। इन्हें मोनेरा जगत में जीवाणुओं के साथ रखा गया है क्योंकि इनमें प्रोकैरियोटिक कोशिका होती है। इनमें क्लोरोफिल a के अतिरिक्त फाइकोसायनिन नामक वर्णक पाया जाता है जो इन्हें नील-हरित रंग प्रदान करता है।
52- प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) रोगों को ठीक करते हैं--
A-प्रतियोगिता निरोध द्वारा
B-रोग उत्पन्न करने वाले जीव-धारियों से लड़ाई द्वारा√√
C-रोग जनक को शरीर से बाहर निकालकर
D-दर्द को समाप्त करके
एंटीबायोटिक विशेष प्रकार के रसायन है जो एक प्रकार के सूक्ष्म-जीवों द्वारा स्रावित होते हैं। ये रसायन हानिकारक सूक्ष्म जीवों को मारते हैं।
$$###अगर आपको ये पोस्ट पसन्द आयी हो तो ""share and comment"" जरूर कीजिए।###$$