परजीवी रोग प्रश्न-उत्तर | MCQ

विषाणु, जीवाणु तथा कवक के अलावा प्रोटोज़ोआ, प्लैटिहेल्मिन्थीज व निमेटोडा समूह के परजीवी भी विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं।

परजीवी वाहक

01- मलेरिया रोग में शरीर का कौन सा अंग प्रभावित होता है?

A-हृदय
B-फेफड़े
C-गुर्दा
D-प्लीहा

मलेरिया रोग प्लाज्मोडियम नामक प्रोटोज़ोआ के कारण होता है। इस रोग के कारक की वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर होती है। यह मलेरिया परजीवी की द्वितीयक पोषद होती है। मलेरिया रोग में शरीर का प्रभावित होने वाला अंग प्लीहा (तिल्ली) है। इस रोग के उपचार हेतु एटाब्रिन, क्लोरोक्वीन, कामाक्विन आदि औषधियों का प्रयोग करना चाहिए।

02- प्लाज्मोडियम परजीवी का वाहक होता है--

A-कीट
B-मच्छर√√
C-मक्खी
D-जुएं

03- किस वैज्ञानिक ने बताया कि मलेरिया प्लाज्मोडियम नामक परजीवी से होता है?

A-जे. जी. मेंडल
B-हेकल
C-रोनाल्ड रॉस
D-डार्विन

सर्वप्रथम सर रोनाल्ड रॉस से बताया कि मलेरिया रोग प्लास्मोडियम नामक एक कोशिकीय प्रोटोज़ोआ द्वारा होता है। प्लाज्मोडियम के वाहक का कार्य मादा एनाफिलीज मच्छर करती है। प्लाज्मोडियम लाल रुधिर अणुओं तथा यकृत कोशिकाओं का अन्तःपरजीवी जन्तु है।

04- मलेरिया के सम्बन्ध में निम्न में कौन सा कथन सत्य नहीं है?

A-यह कीट द्वारा पैदा की जाने वाली बीमारी है।
B-यह मच्छर द्वारा फैलाया जाता है।
C-यह दलदली क्षेत्रों में अधिकतर होता है।
D-इसके इलाज में क्लोरोक्विन का उपयोग होता है।
मलेरिया रोग का कारक कीट नहीं बल्कि प्लाज्मोडियम नामक प्रोटोज़ोआ है, जो कि द्विपोषदीय जन्तु है। जिसकी वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर है अर्थात मलेरिया रोग कीट द्वारा द्वारा फैलाया जाता है, पैदा नहीं किया जाता। यह रोग दलदली क्षेत्रों में अधिक होता है। इसके इलाज के लिए क्लोरोक्विन का उपयोग किया जाता है, जिसे सिनकोना नामक पौधे की छाल से प्राप्त किया जाता है।

05- निम्नलिखित में से कौन सा रोग प्रोटोज़ोआ के कारण होता है?

A-हैजा
B-डिफ्थीरिया
C-निमोनिया
D-मलेरिया√√

06- भारत में मलेरिया रोग के लिए सबसे ज्यादा उत्तरदायी कौन सा परजीवी है?

A-पी. मेलेरी
B-पी. वाइवैक्स
C-पी. फैल्सीपेरम
D-पी. ओवेल

उपर्युक्त चारों प्लाज्मोडियम की प्रजातियां हैं जो मलेरिया रोग की कारक हैं। भारत में मलेरिया के 65% मामलों के लिए प्लाज्मोडियम वाइवैक्स परजीवी उत्तरदायी है।

07- गोलकृमि (निमेटोड) से होने वाला रोग है--

A-फाइलेरिया
B-फ्लुओरोसिस
C-इंसेफेलाइटिस
D-कुष्ठ

फाइलेरिया को हाथीपांव भी कहते हैं, जो शरीर में वुचरेरिया वैंक्रफ्टाई नामक गोलकृमि के कारण होता है। यह कृमि मनुष्य की लिम्फ ग्रन्थियों में पहुंच जाता है। इस रोग के परजीवी को फैलाने का कार्य मादा क्यूलेक्स मच्छर करती है। इस रोग में हाथ-पैर, जननांग या अन्य अंग फूलकर विकृत हो जाते हैं।

08- रोग तथा कारक का सही सुमेलन कीजिए

◆रोग                            कारक
a-मलेरिया                  1-कवक
b-पोलियो                   2-जीवाणु
c-तपेदिक                   3-विषाणु
d-दाद                        4-प्रोटोज़ोआ
कूट
       a          b          c          d
A-   4          3          2          1√√
B-   4          3          1          2
C-   3          4          1          2
D-   3          4          2          1

09- सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और दिये गये कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए:

◆सूची-I                          सूची-II
a-प्लेग                         1-प्रोटोजोआ
b-एड्स                        2-कवक
c-गंजापन                     3-विषाणु
d-मलेरिया                    4जीवाणु
कूट
       a          b          c          d
A-   1          2          3          4
B-   2          3          4          1
C-   3          4          1          2
D-   4          3          2          1√√

प्लेग एक घातक संक्रामक रोग है, जिसका कारक यर्सीनिया पेस्टिस नामक जीवाणु है। एड्स मानव रक्षा प्रणाली को प्रभावित करने वाला घातक रोग है, जिसका कारक HIV विषाणु है। मलेरिया एक संक्रामक रोग है, जो प्रोटोजोआ परजीवी द्वारा फैलता है जबकि गंजापन कवक के कारण होता है।

10- निद्रा रोग नामक बीमारी निम्न में से किसके कारण होती है?

A-विटामिन-ए की कमी से
B-शरीर में कैल्शियम की कमी से
C-रक्तचाप बढ़ने से
D-ट्रिपैनोसोमा नामक एककोशिकीय जीव से

निद्रा रोग ट्रिपैनोसोमा नामक एककोशिकीय प्रोटोजोआ द्वारा होता है। इस रोग के परजीवी की वाहक सी-सी मक्खी (ग्लौसिना पैल्पैलिस) या खटमल है। निद्रा रोग के रोगी को दिन में भी नींद से बोझिल मालूम पड़ता है।

11- काला-अजार रोग फैलता है--

A-फ्लीबोटोमस द्वारा
B-ग्लोसिना द्वारा
C-जूं द्वारा
D-एडीज द्वारा

काला-अजार नामक रोग लीशमैनिया डोनोवेनी द्वारा उत्पन्न होता है। इस परजीवी प्रोटोजोआ की वाहक सैंड फ्लाई या रेत मक्खी या फ्लीबोटोमस होती है।

12-काला-अजार निम्न में से किसके द्वारा प्रसारित किया जाता है?

A-सी-सी मक्खी
B-ड्रेगन मक्खी
C-सैंड मक्खी√√
D-फ्रूट मक्खी

13- काला-अजार तथा ओरियन्टल सॉर नामक रोग किसके द्वारा फैलते हैं?

A-रेत मक्खी
B-घरेलू मक्खी
C-ड्रेगन मक्खी
D-टिड्डा

काला-अजार रोग लीशमैनिया डोनोवेनी द्वारा तथा ओरियंटल सॉर (प्राच्य व्रण) रोग लीशमैनिया ट्रिपिका द्वारा उत्पन्न होता है। इन रोगों की वाहक रेत मक्खी होती है।

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