अनुच्छेद-74 के अनुसार राष्ट्रपति को सहायता एवं सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी, राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार कार्य करेगा।
संघीय मंत्रिपरिषद को "केन्द्रीय मंत्रिपरिषद" कहा जाता है। इसका प्रमुख प्रधानमंत्री होता है। संविधान में सैद्धान्तिक रूप से समस्त कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित की गयीं हैं और राष्ट्रपति को सहायता और परामर्श देने के लिए मंत्रिपरिषद की व्यवस्था की गई है। अतः व्यवहारिक रूप से समस्त कार्यपालिका शक्ति संघीय मंत्रिपरिषद में निहित होती है।
दूसरे शब्दों में राष्ट्रपति के नाम पर समस्त कार्यपालिका शक्तियों का उपयोग मंत्रिपरिषद द्वारा किया जाता है।
मंत्रिपरिषद का संगठन
प्रधानमंत्री सहित कैबिनेट मंत्रियों, राज्यमंत्रियों एवं राज्य उपमंत्रियों के समूह को मंत्रिपरिषद कहा जाता है। मंत्रिपरिषद की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
अनुच्छेद-75(1) के अनुसार प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर करेगा। यदि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह न माने, तो प्रधानमंत्री त्यागपत्र देकर संवैधानिक संकट उत्पन्न कर सकता है।
मंत्रियों की अर्हताएं
मंत्रिपरिषद का सदस्य बनने के लिए संसद का सदस्य होना आवश्यक है। यदि कोई व्यक्ति मन्त्री बनते समय संसद का सदस्य नहीं है, तो उसे अनुच्छेद-75(5) के तहत 6 महीनें के अन्दर संसद का सदस्य बनना अनिवार्य है। यदि वह संसद सदस्य नहीं बन पाता है। तो उसे अपना पद छोड़ना होगा।
मंत्रिपरिषद का कार्यकाल
मंत्रिपरिषद का कार्यकाल निश्चित नहीं होता है। वह तब तक अपने पद पर बनी रहती है जब तक उसे लोकसभा में विश्वास प्राप्त है। किन्तु सामान्यतः 5 वर्ष से अधिक नहीं।
मंत्रिपरिषद की सदस्य संख्या
91वें संविधान संशोधन-2003 द्वारा संविधान में अनुच्छेद-75(1क) जोड़कर यह प्रधान किया गया है कि "मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री सहित सदस्यों की कुल संख्या लोकसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15% से अधिक नहीं होगी।
मंत्रिपरिषद में मंत्रियों के प्रकार
1-मंत्रिमण्डलीय या कैबिनेट मंत्री
यह भारत के प्रशासन की सर्वोच्च इकाई होती है। यही सरकार की नीतियों का संचालन करती है। इसके सदस्य अपने विभागों के अध्यक्ष होते हैं।
2-राज्यमंत्री
इन्हें किसी विभाग का स्वतन्त्र प्रभार दिया जाता है।
3-उपराज्य मन्त्री
कैबिनेट मंत्री तथा राज्यमन्त्री की सहायता करते हैं।
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(मंत्रिपरिषद- प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यमन्त्री व उपराज्य मंत्रियों का समूह होता हैं जबकि मंत्रिमण्डल केवल कैबिनेट मंत्रियों का समूह होता है।)
मंत्रिपरिषद की कार्य प्रणाली
अनुच्छेद-75(3) के अनुसार मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है। इस प्रकार मंत्रिपरिषद एक इकाई के रूप में कार्य करती है। इसकी बैठक प्रायः सप्ताह में एक बार होती है। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करता है। उसकी अनुपस्थिति में कोई वरिष्ठ मन्त्री करता है।
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