अशोक के अभिलेखों का इतिहास

अशोक के अभिलेखों का इतिहास भारतीय संस्कृति के इतिहास से जुड़ा हुआ है। सम्राट अशोक के इतिहास की मुख्य जानकारी उसके अभिलेखों से ही प्राप्त होती है।

अशोक ने अभिलेखों के लिखने की प्रेरणा सम्भवतः ईरानी राजा डेरियस (दारा प्रथम) से ली थी। इनके द्वारा जनता को सन्देश दिया जाता था।

अशोक के अभिलेख

सर्वप्रथम 1750 ई. में टीफेन थेलर द्वारा दिल्ली-मेरठ अभिलेख की खोज के साथ अशोक के अभिलेखों की खोज का सिलसिला शुरू हुआ। अब तक अशोक के करीब 40 अभिलेखों को खोजा जा चुका है।
1837 ई. में सर्वप्रथम जेम्स प्रिंसेप ने अशोक के दिल्ली टोपरा अभिलेख को पढ़ने में सफलता पायी।

अभिलेख किसे कहते हैं?


वे पुरातात्विक साक्ष्य जो शिलाओं, शिला स्तम्भों (पत्थर स्तम्भ) या पर्वतों में गुहा (गुफा) बनाकर, मुद्राओं, पात्रों आदि पर लिखे गये थे या उन पर चित्र उत्कीर्ण किये गये थे, जिनसे प्राचीन इतिहास और संस्कृति का पता चलता है। अभिलेख कहलाते हैं।

वर्तमान समय में अभिलेख प्राचीन इतिहास को जानने का मुख्य स्रोत हैं। सर्वाधिक प्राचीन अभिलेख एशिया के "बोगजकोई" नामक स्थान से प्राप्त होता है। यह लगभग 1400 ईसा पूर्व पुराना है। 

अशोक के अभिलेखों की भाषा 


अशोक के अभिलेख  ब्राह्मी, खरोष्ठी, आरमेइक तथा यूनानी लिपि में लिखे गये हैं। किन्तु अधिकांश अभिलेख प्राकृत भाषा व ब्राह्मी लिपि में लिखे गये है।

अशोक ने राष्ट्रीय भाषा एवं लिपि के रूप में पालि भाषा एवं ब्राह्मी लिपि का प्रयोग किया। भारतीय क्षेत्र में पाये गये अभिलेखों की लिपि ब्राह्मी हैं।

भारत के बाहर पाये गये कुछ शिलालेखों की लिपियाँ खरोष्ठी, आरमेइक तथा यूनानी है जैसे

शाहबाजगढ़ी एवं मानसेहरा के अभिलेख खरोष्ठी लिपि में लिखे गये हैं। अशोक के अभिलेखों में केवल यही दो अभिलेख हैं जो खरोष्ठी लिपि में लिखे गये हैं।

तक्षशिला से आरमेइक लिपि में लिखा गया एक अभिलेख प्राप्त हुआ है।

शरेकुना (कन्धार) से यूनानी तथा आरमेइक लिपि में अशोक द्विभाषिक अभिलेख प्राप्त हुआ

लघमान (जलालाबाद) नामक स्थान से आरमेइक लिपि में एक लेख प्राप्त हुआ।

अशोक के गुहालेख


अशोक ने बिहार में बाराबर की पहाड़ियों को कटवाकर सुदामा गुफा, कर्ण चौपार गुफा तथा विश्व झोपड़ी गुफा का निर्माण करवाया। ये गुफाएं आजीवक सम्प्रदाय को दान में दी।

बाराबर की पहाड़ियों का आधुनिक नाम खल्वितक पर्वत है। सुदामा गुफा तथा विश्व झोपड़ी गुफा का निर्माण राज्याभिषेक के 12वें वर्ष तथा कर्ण चौपार गुफा का निर्माण राज्याभिषेक के 19वें वर्ष करवाया।

अशोक के पौत्र दशरथ ने भी नागार्जुनी पहाड़ी में आजीवक सम्प्रदाय के लिए तीन गुफाओं गोपी, लोमर्षि तथा वडथिका का निर्माण करवाया। इन सभी गुहा लेखों की भाषा प्राकृत तथा लिपि ब्राह्मी है।

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17 Comments
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  1. please give me the answer of this one question ......
    what was the court language of Ashoka,s dynsty ?

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  2. रुम्मनदेई अभिलेख में क्या लिखा हुआ है

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    1. Good question dear freind, रुम्मिनदेई स्तम्भ लेख अशोक ने बुद्ध के जन्म स्थान लुम्बनी में स्थापित करवाया था। इस अभिलेख में अशोक का लुम्बनी ग्राम का धार्मिक कर 'बलि' माफ किये जाने तथा भू-राजस्व 1/6 से घटाकर 1/8 कर दिये जाने का आदेश लिखा है। इस अभिलेख को आर्थिक अभिलेख भी कहा जाता है। यह अशोक का सबसे छोटा अभिलेख है। इस अभिलेख से पता चलता है कि अशोक ने अपने राज्याभिषेक के 20वें वर्ष लुम्बनी की यात्रा की थी।

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  3. रुम्मनदेई अभिलेख में क्या लिखा हुआ है

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  4. Good question dear freind, रुम्मिनदेई स्तम्भ लेख अशोक ने बुद्ध के जन्म स्थान लुम्बनी में स्थापित करवाया था। इस अभिलेख में अशोक का लुम्बनी ग्राम का धार्मिक कर 'बलि' माफ किये जाने तथा भू-राजस्व 1/6 से घटाकर 1/8 कर दिये जाने का आदेश लिखा है। इस अभिलेख को आर्थिक अभिलेख भी कहा जाता है। यह अशोक का सबसे छोटा अभिलेख है। इस अभिलेख से पता चलता है कि अशोक ने अपने राज्याभिषेक के 20वें वर्ष लुम्बनी की यात्रा की थी।

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  5. Ashok ke kal me Rajuk ki niyukti kisliye hui thi???

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    1. रज्जुक नामक अधिकारी का उल्लेख तीसरे शिलालेख में मिलता है। यह जनपद का प्रमुख अधिकारी होता था। इसके पास जनपद के न्यायिक तथा भूमि पैमाइश सम्बन्धी अधिकार होते थे। यह अधिकारी अशोक द्वारा नियुक्त किया गया था। रज्जुक, प्रादेशिक तथा युक्तक के साथ प्रति 5वें वर्ष राज्य का दौरा कर प्रजा को धर्म की शिक्षा देते थे।

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  6. निगलिया स्तम्भ लेख की जानकारी प्रदान करे

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  7. Ashok ka name kis avilekh se milta hai

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  8. Ashok ka name kis avilekh se milta hai

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    1. Maski gurjra udgolam nettur rudradaman abhilekh se

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  9. Ashok ke putra mahendra ka naam kis abhilekh me milta hai

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