भारत में हरित क्रांति|green revolution in India

भारत में हरित क्रांति का जनक डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन को माना जाता है। भारत में गेहूं की उच्च उत्पादकता प्रजातियों का विकास इन्हीं के नेतृत्व में हुआ।

ग्रीन रेवोल्यूशन

भारत में 1965 के बाद उच्च उत्पादन देने वाली किस्म के बीजों, उर्वरक, सिंचाई तथा तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देना और साथ ही साथ ग्रामीण विद्युतीकरण, कृषि उत्पादों की बाजार तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण सड़कों और विपणन को बढ़ावा देना ही हरित क्रांति कहा गया।

भारत में उन्नत बीजों के प्रयोग के कार्यक्रम की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका के रॉकफेलर फाउंडेशन के सहयोग से की गयी।

भारत में हरित क्रांति के चरण

भारत में हरित क्रांति का प्रथम चरण 1966 से 1981 तक चला। इस चरण में इसे हरियाणा, पंजाब तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लागू किया गया।
दूसरे चरण 1981 से 1995 की अवधि को माना जाता है। इसका तीसरा चरण वर्ष 1995 के बाद शुरू हुआ। इस चरण में हरित क्रांति को सम्पूर्ण देश में विस्तृत कर दिया गया।

हरित क्रांति से सर्वाधिक लाभान्वित फसलें

भारत में हरित क्रांति से उत्पादन और उत्पादकता दोनों में सर्वाधिक लाभ गेहूं की फसल को प्राप्त हुआ। देश में हरित क्रांति से पूर्व गेहूं का उत्पादन 12.3 मिलियन टन था। जो इस क्रांति के बाद 2020 -2021 में 109 मिलियन टन हो गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से प्रति हेक्टेयर उपज में वृद्धि के कारण हुई। गेहूं के बाद हरित क्रांति का सर्वाधिक लाभ चावल की खेती को मिला है।

हरित क्रांति का मुख्य उत्पाद मेक्सिकन प्रजाति का गेहूं था। जिसे भारत में मेक्सिको में स्थित अन्तर्राष्ट्रीय मक्का एवं गेहूं संवर्धन केन्द्र से मंगाया गया था।

IMPORTANT QUESTIONS

Q-सदाबहार क्रांति में कृषि उत्पादन की बढ़ाने के लिए किन उपायों को प्रयोग में लाने की बात कही गयी?
@-द्वितीय हरित क्रांति को सदाबहार क्रांति कहा जाता है। इसके अंतर्गत डॉ. स्वामीनाथन ने निम्नलिखित उपायों को अपनाने की बात कही--
●मृदा स्वास्थ्य उन्नयन के लिए रासायनिक खाद के साथ-साथ जैविक व कम्पोस्ट खाद का भी प्रयोग किया जाना चाहिए।
●रेन वाटर हार्वेस्टिंग तथा भूमि सुधार कृषि को भी उद्योगों की भांति सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।
●इसके लिए कृषि आर्थिक क्षेत्र तथा संविदा कृषि पर बल देना आवश्यक है।

Q-भारत में सदाबहार क्रान्ति का मुख्य लक्ष्य क्या था?
@-भारत में सदाबहार क्रान्ति का मुख्य लक्ष्य हरित क्रांति से लाभान्वित न हो सकने वाले क्षेत्रों में बीज, पानी, उर्वरक एवं तकनीकी का विस्तार करना तथा पशुपालन, सामाजिक वानिकी, मत्स्य पालन के साथ शस्योत्पादन को बढ़ावा देना था।
Q-विश्व हरित क्रांति का जनक किसे माना जाता है?
@-विश्व में हरित क्रांति का जनक नॉर्मन अर्नेस्ट बोरलॉग को माना जाता है। बोरलॉग विश्व के उन सात व्यक्तियों में शामिल हैं जिन्हें नोबेल पुरस्कार, अमेरिकी राष्ट्रपति का मेडल ऑफ फ्रीडम तथा कांग्रेसनल गोल्ड मेडल तीनों ही प्राप्त हुए हैं। बोरलॉग को वर्ष 2006 में भारत का पद्म विभूषण सम्मान भी प्रदान किया गया।

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