भारत की प्रमुख नहरें|Indian canal system

भारत में नहरें सिंचाई का द्वितीय प्रमुख साधन हैं। इनसे 32% से भी अधिक कृषि भूमि की सिंचाई होती है। भारत में नहरों का सर्वाधिक विकास उत्तर के विशाल मैदानी भागों तथा तटवर्ती नदी डेल्टा क्षेत्रों में किया गया है।

भारत में नहरों के मुख्यतः दो प्रकार पाये जाते हैं। प्रथम नित्यवाही नहरें, ये वर्ष भर प्रवाहित होने वाली नदियों से निकाली जाती हैं। इनमें सदैव जल प्रवाह बना रहता है।

नहरें और उनके स्रोत

दूसरी अनित्यवाही अथवा बाढ़ नहरें, ये मौसमी नदियों से निकाली गयी नहरें होती हैं। इनमें वर्ष भर लगातार जल की आपूर्ति सम्भव नहीं हो पाती। ऐसी नहरों द्वारा वर्ष में एक फसल की ही सिंचाई की जा सकती है।

प्रमुख नहरें और स्रोत नदी

◆नहरें                  स्रोत नदी               राज्य
●पश्चिमी यमुना        यमुना                हरियाणा
●पूर्वी सोन               सोन                  बिहार
●गुड़गांव                 यमुना               हरियाणा
●पश्चिमी सोन           सोन                  बिहार
●मिदनापुर               कोसी           पश्चिम बंगाल
●त्रिवेणी                  गण्डक                बिहार
●कावेरी डेल्टा          कोलेरून          तमिलनाडु
●निचली भवानी        भवानी             तमिलनाडु
●एडन                    दामोदर          पश्चिम बंगाल
●तिरहुत                  गण्डक               बिहार
●सारन                    गण्डक               बिहार
●गोदावनी                गोदावरी             महाराष्ट्र
●मूठा                     फाईफ झील         महाराष्ट्र

पंजाब की प्रमुख नहरें

◆नहरें                                    स्रोत नदी
●सरहिन्द                                 सतलज
●ऊपरी बारी दोआब                   रावी
●नांगल बांध कैनाल                   सतलज
●बिस्त दोआब                          सतलज
●भाखड़ा                                 सतलज
●पूर्वी                                      रावी

उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की नहरें

◆नहरें                                   स्रोत नदी
●पूर्वी यमुना                            यमुना
●ऊपरी गंगा                            गंगा
●निचली गंगा                          गंगा
●शारदा                                 शारदा नदी
●बेतवा                                  बेतवा
●आगरा नहर                          यमुना

राजस्थान की प्रमुख नहरें

◆नहरें                                  स्रोत नदी
●बीकानेर                              सतलज
●कालीसिल                           कालीसिन
●गम्भीरी                               गम्भीर
●बांकली                               सूकर
●पार्वती                                पार्वती
●गूढ़ा                                    मेजा
●मोरेल                                  मेजा
●घग्गर                                  जग्गर
●इंदिरा                       सतलज एवं व्यास संगम

महत्वपूर्ण तथ्य

◆गंग नहर विश्व की विकसित नहर व्यवस्थाओं में से एक है। इसका निर्माण 1927 में बिकानेर के महाराजा श्री गंग सिंह ने कराया था। यह नहर सतलज नदी से फिरोजपुर के निकट हुसैनी वाला से निकाली गयी है।
◆पूर्वी यमुना नहर, यमुना नदी के बाएं तट से ताजेवाला के निकट से निकाली गयी है। इससे सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ व गाजियाबाद जनपदों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होती है। इस नहर प्रणाली में जुलाई से पानी की कमी होने लगती है और अक्टूबर आने तक इस नहर से जलापूर्ति शून्य हो जाती है। इस समस्या से बचने के लिए यमुना नदी पर हथिनीकुंड बैराज का निर्माण किया गया है।

◆ऊपरी गंगा नहर का निर्माण 1842 की अवधि में कराया गया। 8 अप्रैल 1954 में इसमें प्रथम बार पानी चलाया गया। इस नहर को भीम गौड़ा नामक स्थान पर गंगा नदी के दाहिने तट से निकाला गया है।इसके द्वारा हरिद्वार, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी व आगरा आदि जनपदों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होती है। प्रारम्भ में इस नहर प्रणाली का उपयोग नौ परिवहन के लिए भी किया जाता था।

◆शारदा नहर नैनीताल के निकट से शारदा नदी से निकाली गयी है। इससे उत्तर प्रदेश के दोआब क्षेत्र में स्थित जिलों जैसे- पीलीभीत, बरेली, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, राजबरेली, प्रतापगढ़, फैजाबाद, सुल्तानपुर, जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर आदि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होती है।
◆इंदिरा गांधी नहर का शिलान्यास 30 मार्च 1858 में गोविन्द बल्लभ पंत ने किया था। इसका उदगम स्थल पंजाब में सतलज तथा व्यास नदियों के संगम पर निर्मित हरिके बैराज है। यह विश्व की सबसे बड़ी नहर है। इसकी लम्बाई 649 किमी. है। इस नहर से राजस्थान के पश्चिमी जिलों जैसे- गंगानगर, बिकानेर, जोधपुर व जैसलमेर आदि में सिंचाई की जाती है।

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